ये दिल कहीं रुकता नहीं
ये वक़्त कहीं ठहरता नहीं
मुझको शिकायत है उससे
जो मेरा होकर भी होता नहीं।
नदियों में गोते लगाती मछलियाँ
हर आँगन को मैला करती नहीं
यूँ ही बदनाम मत करो इन्हें
ये हर किनारे तक पहुँचती नहीं।
चारदीवारियों से झाँकने वाला
हर कोई कैदी होता नहीं
हम पर बंदिशें लगाने वाला
हर कोई कोतवाल होता नहीं।
सुनना चाहो तो कभी सुनना
हर अंधेरा ख़ामोश होता नहीं
ढूँढना चाहो तो ढूँढ लेना
ऐसी कोई रात नहीं
जिसका सवेरा होता नहीं।
हँसता हुआ चेहरा
कभी हँसा था ही नहीं
लाख छुपा लो सच्चाई को
सच छिपाए छिपता नहीं।
ये दुनियादारी कभी समझ आती नहीं
जो समझा वो हक़ीक़त होती नहीं
बहलाते हुए कई लोग मिलेंगें
पग-पग पर
राह पर अडिग रहने का
रास्ता कोई दिखाएगा ही नहीं।
मैं चुपचाप कह दूँगी मन की बातें
लेकिन कोई सुनेगा भी या नहीं।
Amazing 👏👏
LikeLiked by 1 person
Thanks yr
LikeLike