अपने दर्द को सोख लो
हर कोई हमसे यही ज़िद किया करता है
कहते हैं कि हमसे मोहब्बत है
बस!ये वक़्त कहने की ज़ुर्रत नहीं करता है
ज़रूरत नहीं समझी तुमने हमारी
तभी तो बड़ी ही सरलता से
ये दिल भी हमें तोड़-मरोड़ दिया करता है
पता नहीं कहाँ भूल हुई हमसे
कि हमारा दर्द ही बहाना लगता है
सबको खुश रखने की लड़ाई में
हमें ही क्यूँ हारना पड़ता है
हमने तो कभी कहा ही नहीं था
कि हमें भी कहने का मौका दो
आप ही हो वो
जिसने अपने गुरूर की हथेली से
मेरे होठों को कुचला
फ़िर भी कुछ शब्दों को सुनने की चाह रखते हो
हाथ जोड़कर विनती ही नहीं
बोलो तो पैरों पर गिर जाएँ
लेकिन कृपा करके अब बस करो
क्यूँकि हमसे अब और मुस्कुराया ही नहीं जाता है
अब और ऐसे जिया नहीं जाता है
अब और सहा ही नहीं जाता है।
बड़ी ही आसानी से ठुकरा देते हैं कुछ लोग
बड़ी ही जल्दी अपने हालातों से समझौता कर लेते हैं कुछ लोग
लेकिन हमेशा के लिए क्यूँ नहीं साथ निभा पाते हैं कुछ लोग
जबकि शुरुआत में बहुत-सी कसमों में बाँध लेते हैं कुछ लोग
तो अंत में कैसे अपनी हालत में ही उलझ जाते हैं कुछ लोग।।
Nice one
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Thanks
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बहुत सुन्दर रचना /
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बहुत बहुत धन्यवाद सर🙏🙏
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कभी कभी बिना कुछ कहे भी सब कुछ कह जाते हैं कुछ लोग
बहुत सुंदर रचना
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Shukriya sir
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