चुप होकर भी मेरी ज़ुबाँ बोल उठी
सोई तो किस्मत मैं क्यूँ नहीं उठी।
ख़ामोशी से टँगी हुई हूँ इन पथरीली दीवारों पर
पता नहीं क्यूँ ये शिकायत करते हैं न बोलने पर
Lekhan is my passion
चुप होकर भी मेरी ज़ुबाँ बोल उठी
सोई तो किस्मत मैं क्यूँ नहीं उठी।
ख़ामोशी से टँगी हुई हूँ इन पथरीली दीवारों पर
पता नहीं क्यूँ ये शिकायत करते हैं न बोलने पर
Superb dear 😍👌👌👌👌 awesome
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Thank you
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Awesome..🤩
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Shukriya
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Awesome
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Thanks
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