कुछ नहीं है अब मेरे पास कहने को
और सब मजबूर किया करते हैं
कुछ तो बोलो…

इस दुनियादारी से बहुत परे हूँ मैं
इस दुनिया में बेबस-लाचार फिर रही हूँ मैं
चुपचाप रहकर भी चीख़ रही हूँ मैं
डगमग-डगमग होते हैं मेरे क़दम
इस ख़ातिर चलने के लिए खड़ी हूँ मैं
एक बार ख़्वाब पूरे कर लूँ
इस ख़ातिर ना जाने कितनी नींदें तोड़ती हूँ मैं
याद कर सकूँ हर क्षण तुम्हें
इस ख़ातिर ख़ुद को भूल रही हूँ मैं
डूब सकूँ खुशियों में
इस ख़ातिर रोज़ पलकें भिगाती हूँ मैं
कोई मुझसे मेरा नाम न पूछे
इस ख़ातिर नाम कमाने का काम करती हूँ मैं
दुनिया में कुछ बदलाव चाहे
तो लोग कहते हैं
अपने मन की करती हूँ मैं
दीवानी-पगली कहते हैं सब मुझे
पर पूछो तो कभी मुझसे
कैसे-कैसे जी रही हूँ मैं
वैसे तुम क्या जानोगे
बहुत पहले ही मर जो चुकी हूँ मैं।।
Outstanding
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Thanks
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Soulful🌱
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Thanks
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👍👏 Nice.
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Thanks
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Fabulous ❤️
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Thank you
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Nice dear👍
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Thanks
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Very nice lines
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Thanks
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Nice
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Thanks
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lines👌👌👌
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🤗🤗
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Awesome dear💖💝
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Thank you
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Soulful..
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Thanks
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Bataiye kaise kaise ji rahin hai aap?
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क्या कहें हम कहने को तो अल्फ़ाज़ ही कम पड़ गए
कितने शब्द हैं कहने को लेकिन हमारे आँसू मुँह मोड़ गए
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Oh pooja ji aisa na kahiye bas kahiye all is well
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ईश्वर साथ देंगें तो हमेशा सब कुछ ठीक रहेगा नही तो सब राम भरोसे
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हाँ ये तो सही कहा आपने
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जी
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बहुत ही शानदार रचना। बहुत बहुत धन्यवाद। द्वारा- nanhidagar.com
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बहुत बहुत शुक्रिया मैम 🙏🙏
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